गेहूं भारत की एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है। गेहूं की फसल की बुवाई नवंबर में पूर्ण हो चुकी है, और अब फसल खेत में कटने के लिए तैयार है। गेंहू की फसल की कटाई सही समय पर की जानी चाहिए जिससे उसकी अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सके।
- हाथ से कटाई के लिए फसल तब उपयुक्त मानी जाती है जब दानों में लगभग 20% नमी हो। अर्थात दानों में 20% नमी होने पर फसल को हाथ से काटा जाना सही होता है ।
- गेहूं की कटाई के बाद और थ्रेसिंग से पहले गेहूं की गठिया बनाकर खेत में सूखने के लिए रख दें.
- शीघ्र कटाई के लिए कंबाइन हार्वेस्टर का उपयोग किया जा सकता है। कंबाइन हार्वेस्टर से कटाई के लिए दाने में नमी 14% से कम होनी चाहिए।
- फसल की कटाई फसल अच्छी तरह पक जाने के बाद ही करनी चाहिए। एवं गेहूं का बंडल सावधानी से बनाना चाहिए।
- फसल की कटाई सही समय पर करे। फसल को सूखने देने से बचाए।
- अनाज को भंडारण से पूर्व अच्छी तरह से सूखा ले। इसके लिए अनाज को त्रिपाल पर बिछाकर धूप में डाल दें।
- अनाज को कीड़ों से बचाने के लिए एल्यूमिनियम फॉस्फाइड की 1 टिकिया लगभग 9-10 कुंटल गेहूं में रख देना चाहिए। इससे गेहूं खराब नहीं होगा और कीट भी नहीं लगेगे।
फसलों की कटाई के समय किसानों के द्वारा सावधानी नहीं रखी जाती। जिसके कारण फसल की पैदावार में कमी आती हैं। किसान फसल कटाई के समय इस बातों का ध्यान रखे तो निश्चित ही वह हो रहे नुक्सान को कम कर सकता है। फसल कटाई के बाद गेहूं का भंडारण भी सही ढंग से करना आवश्यक हैं।
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