राइजोबियम कल्चर एक जैविक खाद है। इसे फसल की जड़ों या बीजों पर लगाया जाता है, ताकि फसल को प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन मिल सके। इससे पैदावार बढ़ती है।
राइजोबियम कल्चर के फायदे
वायुमंडलीय नाइट्रोजन को पौधों के लिए उपलब्ध कराता है, जिससे यूरिया और अन्य रासायनिक खादों की जरूरत कम हो जाती है।
यह मिट्टी में जैविक तत्वों की मात्रा बढ़ाकर लंबे समय तक भूमि की उत्पादकता बनाए रखता है।
नाइट्रोजन उर्वरकों पर होने वाला खर्च कम हो जाता है, जिससे लागत घटती है और मुनाफा बढ़ता है।
राइजोबियम जैविक खाद है, इसलिए यह मिट्टी, पानी और पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करती।
यह फसल की वृद्धि तेज करता है, दाने की गुणवत्ता में सुधार करता है, और पैदावार बढ़ाता है।
यह सोयाबीन, मूंग, उड़द, अरहर, चना, मसूर, राजमा और अन्य दलहनी फसलों में यह अत्यधिक लाभकारी होता है।
इसका उपयोग कैसे करें?
बीजोपचार विधि
बीज को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करें।
1 किलो बीज के लिए 10 ग्राम गुड़ को 1 लीटर पानी में उबालें और ठंडा करें।
इसमें 200 ग्राम राइजोबियम कल्चर मिलाएं और घोल तैयार करें।
बीजों को इस घोल में डुबोकर अच्छी तरह मिलाएं।
बीजों को छायादार स्थान पर 30 मिनट तक सूखने दें।
अब बुवाई कर दें।
मिट्टी उपचार विधि
राइजोबियम कल्चर को सीधे खेत में मिलाकर उपयोग किया जा सकता है।
1 एकड़ खेत के लिए 2-3 किलो राइजोबियम कल्चर लें।
इसे 50 किलो गोबर खाद या वर्मीकंपोस्ट में मिलाएं।
खेत में बुवाई से पहले या फसल के शुरुआती दिनों में मिट्टी में छिड़कें।
हल्की सिंचाई करें ताकि बैक्टीरिया सक्रिय हो जाएं।
जड़ उपचार विधि
1 किलो राइजोबियम कल्चर को 10 लीटर पानी में मिलाएं।
पौधों की जड़ों को इस घोल में 20-30 मिनट तक डुबोकर रखें।
इसके बाद पौधों को खेत में रोपित कर दें।https://ebijuka.com/