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क्या कम लागत में आप भी ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं। क्या आप चाहते हैं कि इस बार आपके खेत में भी बंपर पैदावार हो। तो चलिए हम आपको आज बताते हैं। एक ऐसी खेती की पद्धति के बारे में इसको करके आप अपनी कमाई को दोगुना कर सकते हैं। एक ही खेत में दो या अधिक फसलें एक साथ लगा सकते हैं। एक ही खेत में एक साथ ज्यादा फसलें उगाने से किसान को मुख्य फसल पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। इस प्रकार की खेती किसान की आय को बढ़ाने में मदद करती है। एक साथ एक ही खेत में एक से ज्यादा फसल लगाना सहफसली खेती कहलाती है। सहफसली खेती करने से फसल लगाने में आने वाली लागत कम आती है। सहफसली खेती में प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान को भी कम किया जा सकता है। सहफसली खेती में अधिक समय वाली फसल के साथ कम समय वाली फसल को लगाया जाता है। इस प्रकार आप एक ही खेत में एक ही समय में एक साथ एक से अधिक फसलों से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस प्रकार की खेती से भूमि में उपस्थिति आवश्यक पोषक तत्वों का अच्छी तरीके से उपयोग किया जा सकता है।

सहफसली खेती में मुख्यत: दो फसलें उगाई जाती है (एक मुख्य फसल + सह फसल) सहफसली खेती मैं मुख्य फसलों की दो पंक्तियों के बीच में जल्दी पक्क कर तैयार होने वाली फसलें बोई जाती हैं।

सावधानियां

मुख्य फसल और सहफसल दोनों एक ही प्रजाति की नहीं होनी चाहिए।

खेत में उचित जल निकास की व्यवस्था एवं सिंचाई के लिए पर्याप्त संसाधन होने चाहिए।

सहफसली खेती में खरपतवार नियंत्रण होना अति आवश्यक होता है।

उर्वरक का प्रयोग संतुलित मात्रा में एवं दोनों फसलों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।

लाभ

सहफसली खेती में दोनों फसलों की लागत कम आती है।

फसलों में खरपतवार कम मात्रा में होते है।

समय एवं संसाधनों का समुचित उपयोग हो जाता हैं।

अच्छी उपज प्राप्त होती है।

मिट्टी में उपस्थित तत्वों का उचित उपयोग हो जाता है।

भारत में अधिकतर छोटे एवं सीमांत किसान है जिनके पास कृषि योग्य भूमि बहुत कम मात्रा में है ऐसे छोटे किसानों को खेती करना बड़ा ही घाटे का सौदा लगता है। ऐसे ही कम जोत वाले किसानों को पारंपरिक कृषि पद्धतियों को छोड़कर नवीन कृषि पद्धतियां अपनानी चाहिए। सहफसली खेती जैसी पद्धतियों को अपनाकर किसान कम रकबे में भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। और अपनी खेती को प्रॉफिटेबल खेती मैं ट्रांसफॉर्म कर सकते हैं। ऐसे ही अन्य खेती संबंधित जानकारी के लिए विजिट कीजिए ebhijuka.bharatagrolink.com

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