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गन्ने की फसल से अच्छी उपज लेने के लिए खरपतवार नियंत्रण और खाद प्रबंधन बहुत ही जरूरी है। यदि खरपतवारों को समय पर नियंत्रित न किया जाए और खाद का सही प्रबंधन न किया जाए तो गन्ने की उपज पर बुरा असर पड़ सकता है।

गन्ने की फसल में खरपतवार नियंत्रण

गन्ने की फसल में खरपतवार फसल के पोषक तत्वों, पानी और सूर्य के प्रकाश का उपभोग कर लेते हैं, जिससे फसल की वृद्धि रुक जाती है और उपज कम हो जाती है। खरपतवारों के प्रभाव को कम करने के लिए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं –

– खेत की गहरी जुताई करें ताकि पहले से मौजूद खरपतवार और उनके बीज नष्ट हो जाएं।

– खेत की जुताई के बाद कुछ दिनों तक मिट्टी को खुला छोड़ें ताकि सूर्य के ताप से खरपतवार के बीज नष्ट हो जाएं।

– गन्ने की बुवाई से पहले खेत में पाटा चलाकर मिट्टी को समतल करें।

– गन्ने के खेत में कुल्ली या गुड़ाई करने से खरपतवार उखड़ जाते हैं और मिट्टी में हवा का संचार भी होता है।

– गन्ने की फसल में गन्ने की सूखी पत्तियों, भूसे या प्लास्टिक की चादर से मल्चिंग करने से खरपतवार उगने से रुकते हैं और मिट्टी में नमी भी बनी रहती है।

– गन्ने की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवार नाशकों का उपयोग भी कर सकते हैं।

गन्ने की फसल में खाद प्रबंधन

गन्ने की फसल को अधिक पोषण की आवश्यकता होती है। सही समय पर संतुलित मात्रा में खाद देने से गन्ने की बढ़वार अच्छी होती है और उपज भी अधिक मिलती है। खेत तैयार करते समय प्रति हेक्टेयर 20-25 टन गोबर की खाद मिलाएं। गन्ने की फसल में प्रति हेक्टेयर 5-7 टन वर्मीकंपोस्ट डालने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है। खेत की तैयारी के समय हरी खाद जैसे ढैंचा, सनई की जुताई करने से मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है। प्रति हेक्टेयर 150-200 किलोग्राम नाइट्रोजन बुवाई के 30, 60 और 90 दिन बाद डालें। प्रति हेक्टेयर 60-80 किलोग्राम फॉस्फोरस बुवाई के समय इस्तेमाल करें। प्रति हेक्टेयर 60-80 किलोग्राम पोटाश बुवाई के 30-60 दिन बाद डालें। इसके अलावा आप प्रति हेक्टेयर 25-30 किलोग्राम जिंक का छिड़काव करें। प्रति हेक्टेयर 5-10 किलोग्राम आयरन का छिड़काव भी करें। प्रति हेक्टेयर 1-2 किलोग्राम बोरॉन का छिड़काव भी कर सकते हैं।

गन्ने की फसल में खरपतवार को नियंत्रित करने के लिए यांत्रिक, रासायनिक और जैविक तरीकों का संयोजन उपयोगी होता है। साथ ही, गन्ने की फसल को समय पर संतुलित मात्रा में जैविक और रासायनिक खाद देने से उपज में वृद्धि होती है।ऐसे ही और जानकारी के लिए जुड़े रहिए https://ebijuka.com/ से।

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