कद्दू एक लोकप्रिय और तेजी से बिकने वाली सब्जी है, जिसकी खेती भारत के लगभग हर राज्य में की जाती है। यह फसल कम देखभाल में अधिक उत्पादन देती है और इसके फल, बीज और फूल तक बाजार में बिकते हैं।
1. कद्दू की खेती क्यों करें?
- तेज़ी से बढ़ने वाली फसल (90-120 दिन में तैयार)
- कम पानी और कम लागत वाली खेती
- उच्च बाजार मांग – शादी, होटल, त्योहारों में उपयोग
- बीज और फूलों से भी कमाई
2. अनुकूल जलवायु और क्षेत्र
- गर्म और आर्द्र जलवायु कद्दू के लिए सबसे उपयुक्त
- तापमान: 25°C – 35°C
- अधिक ठंड और पाले से नुकसान
- उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, कर्नाटक में मुख्य उत्पादन
3. मिट्टी और भूमि तैयारी
- दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उत्तम
- पीएच स्तर: 6.0 – 7.5
- खेत की अच्छी जुताई करें, गोबर की खाद मिलाएं
- उचाई वाले क्यारी (ridge) या मेड बनाकर बुवाई करें
4. किस्में (Varieties)
किस्म का नाम | विशेषताएं |
---|---|
Pusa Vishwas | गोल, मोटा फल, मीठा स्वाद |
Arka Suryamukhi | लंबा आकार, गहरा रंग |
Narendra Agrim | जल्दी तैयार होने वाली किस्म |
CO-1 | सूखे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त |
5. बीज बुवाई और दूरी
- बुवाई का समय: फरवरी-मार्च (गर्मी फसल), जून-जुलाई (बरसात फसल)
- बीज दर: 2–3 किलोग्राम प्रति एकड़
- पौधों की दूरी: 2.5m × 1.5m
- 1 एकड़ में लगभग 1000–1500 पौधे लगाए जा सकते हैं
6. सिंचाई
- गर्मी में 5–6 दिन में एक बार
- बारिश के मौसम में आवश्यकता अनुसार
- ड्रिप सिंचाई पद्धति से जल की बचत और बेहतर उत्पादन
7. रोग व कीट नियंत्रण
समस्या | समाधान |
---|---|
लाल मक्खी, थ्रिप्स | नीम तेल या जैविक कीटनाशक का छिड़काव |
पाउडरी मिल्ड्यू | सल्फर पाउडर का छिड़काव |
पत्तियों का पीला पड़ना | मृदा जांच और सूक्ष्म पोषक तत्व दें |
8. फसल की कटाई और उपज
- बुवाई के 90–120 दिन बाद फल तोड़ने योग्य हो जाते हैं
- फल हल्का पीला या नारंगी हो जाए तो तोड़ें
- एक एकड़ में औसतन 80–120 क्विंटल उपज
- एक कद्दू का वजन 2–6 किलोग्राम तक होता है
9. लागत, बाजार मूल्य और मुनाफ़ा
लागत (1 एकड़ अनुमानित):
मद | लागत (₹) |
---|---|
बीज | 1000–1500 |
खाद, उर्वरक | 3000 |
सिंचाई | 2500 |
मजदूरी | 5000 |
कीटनाशक | 1500 |
कुल | 13,000–15,000 ₹ |
बिक्री और आय:
- बाजार मूल्य: ₹8–₹15 प्रति किलो (स्थान और सीजन पर निर्भर)
- उपज: 80–120 क्विंटल = ₹64,000 – ₹1,20,000 तक आय
एक एकड़ में शुद्ध मुनाफा: ₹50,000 – ₹1 लाख तक संभव है!
10. विपणन और बिक्री
- मंडियों, थोक विक्रेताओं, सब्ज़ी व्यापारियों के माध्यम से
- शादी और होटल सप्लाई में अधिक मांग
- अब किसान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (जैसे Bharat Agrolink Marketplace) से भी सीधे बेच सकते हैं
निष्कर्ष
कद्दू की खेती एक सुरक्षित, कम जोखिम वाली और अधिक मुनाफे वाली फसल है, जिसे सीमित संसाधनों में भी आसानी से किया जा सकता है। सही तकनीक, समय पर देखभाल और उचित बाजार से जुड़ाव हो, तो कद्दू आपके खेत से आपकी जेब तक मिठास ला सकता है!
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