उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कई गांवों के खेत नीलगाय के हमलों से प्रभावित होते हैं। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों के पास बसे खेतों में नीलगाय जंगलों से आकर फसलों को चरने और रौंदने से बर्बाद कर देती हैं। किसान इस समस्या से परेशान हैं और कई तरीके आजमाने के बावजूद अब तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला है।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी और प्रोफेसर डॉ. आई.के. कुशवाहा ने नीलगाय से फसलों को बचाने के कुछ प्रभावी उपाय बताए हैं, जिनका उपयोग करके किसान अपनी खेती की सुरक्षा कर सकते हैं।
नीलगाय से फसल बचाने के आसान उपाय
✅ 1. चूल्हे की राख का उपयोग करें
नीलगाय राख लगी फसलों को नहीं खाती। किसान अपनी फसलों पर चूल्हे की राख का छिड़काव कर सकते हैं, जिससे नीलगाय दूर रहेगी।
✅ 2. खेत की तारबंदी करें
खेत के चारों ओर मजबूत तारबंदी करने से नीलगाय के प्रवेश को रोका जा सकता है। यदि संभव हो तो इलेक्ट्रिक झटका मशीन भी लगाई जा सकती है, जो जानवरों को हल्का झटका देकर उन्हें दूर रखने में मदद करती है।
✅ 3. चमकीली पत्तियों का उपयोग करें
खेत के चारों ओर चमकीली पत्तियाँ लगाएं, जो हवा में हिलती रहें। इससे नीलगाय डरकर खेत में प्रवेश नहीं करेगी।
✅ 4. नींबू और करौंदा के पौधे लगाएं
नीलगाय तेज गंध और कांटेदार पौधों से बचती है। खेत के चारों ओर नींबू और करौंदा के पौधे लगाने से नीलगाय खेत में घुसने से हिचकती है।
✅ 5. प्राकृतिक डरावने उपाय अपनाएं
रात के समय तेज आवाज वाले यंत्र, सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटें या कृत्रिम शेर के पोस्टर खेतों में लगाने से नीलगाय डरकर खेत में नहीं आती।
नीलगाय खेतों में क्यों आती हैं?
नीलगाय झुंड में रहती हैं और जंगलों में पर्याप्त चारा न मिलने पर खेतों की ओर आ जाती हैं। एक बार अगर वे किसी खेत में घुस जाएं, तो पूरी फसल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए किसानों को सही उपाय अपनाकर पहले से सुरक्षा करनी चाहिए।
🚜 अब किसान नीलगाय के आतंक से बच सकते हैं! ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर आप अपनी फसल को सुरक्षित और उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। 🌾
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