0 Comments

पंचगव्य एक प्राकृतिक जैविक उत्पाद है। इसे गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर से तैयार किया जाता है।

पंचगव्य बनाने की विधि
सामग्री
गोबर – 5 किलो
गोमूत्र – 3 लीटर
गाय का दूध – 2 लीटर
गाय का दही – 2 लीटर
गाय का घी – 1 लीटर
गुड़ – 500 ग्राम
पिसे हुए फल जैसे केला, नारियल – 2-3 टुकड़े
पानी – 10 लीटर

पंचगव्य बनाने की प्रक्रिया
एक बड़ा प्लास्टिक का ड्रम लें और उसमें गोबर और गोमूत्र मिलाएं।
इस मिश्रण को तीन दिन तक ढककर रखें और प्रतिदिन हिलाएं।
चौथे दिन इसमें दूध, दही, घी, गुड़ और पिसे फल डालें।
इसे 7-10 दिन तक छायादार स्थान पर रखें और प्रतिदिन मिलाते रहें।
10-15 दिन बाद पंचगव्य तैयार हो जाता है और इसे छानकर उपयोग में लाया जा सकता है।

पंचगव्य के उपयोग और फायदे

खाद के रूप
1 लीटर पंचगव्य को 50 लीटर पानी में मिलाकर फसलों में छिड़काव करें।
मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम करता है।

कीटनाशक के रूप में
पंचगव्य में नीम तेल और लहसुन का रस मिलाकर छिड़काव करने से कीट और रोग नियंत्रण में मदद मिलती है।

बीज उपचार के लिए
बीज बोने से पहले पंचगव्य के घोल में 30 मिनट तक भिगोने से अंकुरण दर और फसल उत्पादन बढ़ता है।

पशुपालन में उपयोग
पशुओं के चारे में मिलाने से दूध उत्पादन बढ़ता है।
पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है।

पंचगव्य एक जैविक उत्पाद है। इसका उपयोग करने कीटनाशकों और रासायनिक खादों का उपयोग कम किया जा सकता है। किसान इसका सही उपयोग करने कम लागत में अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं।ऐसे ही और जानकारी के लिए जुड़े रहिए https://ebijuka.com/ से।

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *