गर्मियों का मौसम पशुओं के लिए कई तरह की समस्याएं लेकर आता है। अधिक तापमान, पानी की कमी और चारे की गुणवत्ता में गिरावट के कारण पशुओं की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए किसानों को अपने पशुओं की विशेष देखभाल करनी चाहिए।
गर्मियों में पशुओं को होने वाली आम समस्याएं
हीट स्ट्रेस (गर्मी से तनाव)
– पशु सुस्त हो जाते हैं और चारा कम खाने लगते हैं।
– दूध उत्पादन में कमी आ सकती है।
-सांस लेने में परेशानी होती है और शरीर का तापमान बढ़ सकता है।
पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
– गर्मियों में पसीना अधिक निकलता है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
– पशुओं की त्वचा सूखने लगती है और दूध उत्पादन पर असर पड़ता है।
– मूत्र और गोबर का रंग गहरा हो सकता है।
कीट और मक्खियों का प्रकोप
– मक्खियां, मच्छर और जूं आदि गर्मियों में बढ़ जाते हैं।
– इनसे थीलरियोसिस, बीमारी फैलाने वाले परजीवी और चर्म रोग हो सकते हैं।
गर्मियों में पशुओं की देखभाल के उपाय
– पशुओं को छायादार स्थान पर रखें और उनके लिए ठंडी हवा की व्यवस्था करें।
– सुबह और शाम के समय चराने के लिए छोड़ें ताकि तेज धूप से बचाव हो सके।
– पशुओं को ठंडे पानी से नहलाएं, विशेषकर दोपहर के समय।
– पशुशाला में पंखे और कूलर की व्यवस्था करें।
– पशुओं को दिन में 3-4 बार ताजा और स्वच्छ पानी पिलाएं।
– पानी के बर्तन को छायादार स्थान पर रखें, ताकि पानी ज्यादा गर्म न हो।
– इलेक्ट्रोलाइट (लवण मिश्रण) मिलाकर पानी पिलाने से डिहाइड्रेशन से बचाव होता है।
– हरी घास और चारा अधिक मात्रा में दें, जिससे शरीर में नमी बनी रहे।
– पशुओं को अंकुरित चारा, गन्ने का चारा और दलहनी फसलों का चारा दें।
– दानेदार चारे को थोड़ा गीला करके खिलाएं ताकि पाचन में आसानी हो।
– खनिज मिश्रण और नमक चारा में मिलाकर दें।
गर्मियों में पशुओं की देखभाल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। हीट स्ट्रेस, पानी की कमी और चारे की गुणवत्ता में गिरावट से बचने के लिए ठंडे स्थान, स्वच्छ पानी, पोषणयुक्त चारा और मक्खियों से बचाव की उचित व्यवस्था करनी चाहिए। यदि सही देखभाल की जाए, तो पशु स्वस्थ रहेंगे और दूध उत्पादन में भी गिरावट नहीं आएगी। ऐसे ही और जानकारी के लिए जुड़े रहिए https://ebijuka.com/ से।