इलायची की खेती एक लाभकारी व्यवसाय है, लेकिन इसके लिए सही जलवायु, मिट्टी और देखभाल की आवश्यकता होती है। इलायची की खेती मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में की जाती है। इलायची की खेती से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।
उपयुक्त जलवायु
इलायची की खेती के लिए समशीतोष्ण जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। 10°C से 35°C के बीच तापमान सबसे अच्छा होता है। इलायची को सालाना 1500-2500 मिमी बारिश की जरूरत होती है। इलायची की खेती के लिए छांव की आवश्यकता होती है। इसे ऐसे क्षेत्र में उगाएं जहां पेड़ों की छांव हो।
उपयुक्त मिट्टी
इलायची की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। मिट्टी में अच्छा जल निकास होना जरूरी है। मिट्टी का pH मान 4.5 से 7.0 के बीच होना चाहिए। मिट्टी में जैविक तत्व प्रचुर मात्रा में होने चाहिए।
बीज की तैयारी
इलायची के बीजों को 20 से 30 दिन तक पानी में भिगोकर अंकुरित किया जाता है। इसके बाद उन्हें पॉलिथीन बैग में तैयार किया जाता है।
पौधों की रोपाई
बीज से तैयार पौधे जब 4-6 महीने के हो जाएं, तब उन्हें खेत में रोपित करें। पौधों के बीच 1.5 से 2 मीटर की दूरी रखें। रोपाई से पहले खेत की जुताई करके उसमें गोबर की खाद डालें।
खाद और उर्वरक
रोपाई के 2-3 महीने बाद खाद डालें। प्रति हेक्टेयर 75-100 किग्रा नाइट्रोजन, 75-80 किग्रा फास्फोरस और 150-200 किग्रा पोटाश डालें। जैविक खाद जैसे गोबर की खाद और वर्मीकंपोस्ट का प्रयोग करें।
सिंचाई
इलायची की फसल के लिए नियमित सिंचाई जरूरी है। हर 4-5 दिन में हल्की सिंचाई करें। अधिक बारिश होने पर जल निकासी का उचित प्रबंध करें।
फसल की देखभाल
खेत में खरपतवार को नियमित रूप से हटाएं। थ्रिप्स और फफूंद से बचाव के लिए जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें। इलायची के पौधों की छंटाई समय-समय पर करें ताकि पौधे स्वस्थ रहें।
फसल कटाई
इलायची के पौधे 2-3 साल में तैयार हो जाते हैं। इलायची की कटाई तब करें जब फल हल्का हरा हो। कटाई के बाद इलायची के बीजों को छाया में सुखाएं।
प्रसंस्करण
सूखी इलायची को ग्रेड के अनुसार अलग करें। बेहतर मूल्य के लिए इलायची को एयर-टाइट पैकेट में पैक करें।
इस प्रकार अगर आप सही तकनीक से इलायची की खेती करेंगे तो निश्चित ही कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। ऐसे ही और जानकारी के लिए जुड़े रहिए https://ebijuka.com/ से।