
अगर आप किसान हैं, बागवान हैं या एग्री-उद्यमी हैं, तो आपने सीवीड एक्सट्रैक्ट (Seaweed Extract) का नाम ज़रूर सुना होगा। लेकिन सवाल ये है कि यह इतना लोकप्रिय क्यों है? क्या इसमें निवेश करना सही रहेगा? और इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है?
इस गाइड में हम जानेंगे – सीवीड एक्सट्रैक्ट क्या है, इसके फायदे, उपयोग, फॉर्मूला, कीमत और इसे सही तरीके से कैसे इस्तेमाल करें।
सीवीड एक्सट्रैक्ट क्या है?
जैसा कि नाम से पता चलता है, सीवीड एक्सट्रैक्ट समुद्री शैवाल (Marine Algae) से बनाया जाता है। इसे प्रोसेस करके लिक्विड या पाउडर रूप में तैयार किया जाता है, जिसमें प्राकृतिक पौध वृद्धि उत्तेजक (Plant Growth Stimulants), सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) और ऑर्गेनिक कंपाउंड्स पाए जाते हैं।
रासायनिक उर्वरकों की तुलना में सीवीड एक्सट्रैक्ट पूरी तरह ऑर्गेनिक, इको-फ्रेंडली और रेसिड्यू-फ्री है। यही वजह है कि यह सतत खेती (Sustainable Farming) के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प बन चुका है।
कृषि में सीवीड एक्सट्रैक्ट के उपयोग
सीवीड एक्सट्रैक्ट का प्रयोग दुनियाभर के किसान फसल वृद्धि और पैदावार बढ़ाने के लिए करते हैं। अलग-अलग स्टेज पर यह इस तरह मदद करता है:
- बीज अंकुरण (Seed Germination): बीज की अंकुरण क्षमता और जड़ विकास बढ़ाता है।
- वेजिटेटिव स्टेज (Vegetative Stage): पत्तियों की वृद्धि, हरियाली और प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) को बढ़ावा देता है।
- फूल और फल बनना (Flowering & Fruiting): फूल आने, फल लगने और उनकी गुणवत्ता सुधारता है।
- स्ट्रेस प्रतिरोध (Stress Resistance): सूखा, लवणीयता, गर्मी और कीट तनाव से पौधों को बचाता है।
- मिट्टी का स्वास्थ्य (Soil Health): लाभकारी सूक्ष्मजीवों को बढ़ाता है और पोषक तत्वों की उपलब्धता सुधारता है।
यानी जड़ से लेकर पत्तियों तक पौधे के हर हिस्से को मज़बूत बनाने में यह मदद करता है।
सीवीड एक्सट्रैक्ट के फायदे
किसान इसे क्यों अपना रहे हैं? आइए जानते हैं इसके प्रमुख फायदे:
- पौधों में पोषक तत्वों का अवशोषण (Nutrient Uptake) बढ़ाता है।
- प्राकृतिक वृद्धि हार्मोन (Cytokinins, Auxins, Gibberellins) को सक्रिय करता है।
- फलों का आकार, रंग और शेल्फ लाइफ सुधारता है।
- पैदावार (Yield) बढ़ाता है – प्रति एकड़ उत्पादन में इज़ाफा।
- ऑर्गेनिक खेती और निर्यात गुणवत्ता (Residue-Free) फसल के लिए सुरक्षित।
- लंबे समय में रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करता है।
सीवीड एक्सट्रैक्ट का फॉर्मूला
ज़्यादातर सीवीड एक्सट्रैक्ट उत्पाद Ascophyllum nodosum नामक ब्राउन सीवीड से बनते हैं। यह दो रूपों में उपलब्ध है:
- पाउडर (Seaweed Extract Powder): आसान स्टोरेज और पानी में मिलाकर प्रयोग।
- लिक्विड (Seaweed Extract Liquid): रेडी-टू-यूज़, पत्तियों पर छिड़काव और ड्रिप इरीगेशन के लिए उपयुक्त।
इसमें शामिल होते हैं:
- प्राकृतिक पौध हार्मोन – Auxins, Cytokinins, Gibberellins
- सूक्ष्म पोषक तत्व – Zinc, Boron, Iron, Manganese
- अमीनो एसिड और अन्य ऑर्गेनिक कंपाउंड्स
सीवीड एक्सट्रैक्ट का प्रयोग कैसे करें?
1. पत्तियों पर छिड़काव (Foliar Spray)
- लिक्विड: 1.5–2 ml प्रति लीटर पानी
- पाउडर: 2–3 g प्रति लीटर पानी
- सुबह या शाम को छिड़काव करें।
- हर 15–20 दिन में दोहराएँ।
2. मिट्टी/ड्रिप इरीगेशन (Soil / Drip Application)
- पाउडर: 1–2 kg प्रति एकड़
- लिक्विड: 500 ml–1 लीटर प्रति एकड़
- फसल के शुरुआती, फूल आने और फल बनने के समय प्रयोग करें।
3. बीज उपचार (Seed Treatment)
- बीज बोने से पहले हल्के घोल में भिगोएँ।
- अंकुरण और शुरुआती पौधों की ताकत बढ़ती है।
👉 प्रो टिप: सीवीड एक्सट्रैक्ट को माइक्रोन्यूट्रिएंट्स या NPK खाद के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से और बेहतर नतीजे मिलते हैं।
भारत में सीवीड एक्सट्रैक्ट की कीमत
- 25 Kg पाउडर पैक: ₹9,000 – ₹12,000 (ब्रांड और गुणवत्ता के अनुसार)
- छोटे पैक भी उपलब्ध: 250 ml – 1 लीटर (लिक्विड) या 100 g – 1 Kg (पाउडर)
भले ही कीमत रासायनिक खादों से अधिक लगे, लेकिन इसकी लॉन्ग टर्म वैल्यू (अधिक उत्पादन, बेहतर गुणवत्ता और कम रासायनिक निर्भरता) इसे किफायती बना देती है।
किन किसानों को इसका उपयोग करना चाहिए?
- सब्ज़ी किसान: टमाटर, मिर्च, बैंगन, खीरा, लौकी
- फलों के किसान: आम, केला, अंगूर, संतरा
- अनाज और दलहन किसान: धान, गेहूँ, मक्का, सोयाबीन, चना
- फूल और नगदी फसलें: गुलाब, गेंदे, कपास, गन्ना
यानी हर वह किसान जो फसल की सेहत, पैदावार और बाज़ार मूल्य बढ़ाना चाहता है।
निष्कर्ष
सीवीड एक्सट्रैक्ट कोई साधारण खाद नहीं है, बल्कि एक प्राकृतिक ग्रोथ बूस्टर है जो बीज से लेकर कटाई तक फसल को मज़बूती देता है।
यह मिट्टी सुधारता है, पौधों को स्वस्थ रखता है, पैदावार बढ़ाता है और सतत खेती को बढ़ावा देता है।