ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती का सही समय: बेहतरीन बीज और उर्वरक से पाएं उत्तम उत्पादन!
गेहूं ,चना एवं मसूर की कटाई के पश्चात ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई की जाती हे। ग्रीष्मकालीन मूंग कम समय में अधिक पैदावार वाली फसल है। इस की बुवाई उन क्षेत्रों में की जाती है जहां सिंचाई की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं।
इसकी अच्छी पैदावार के लिए आवश्यक हैं कि फसल की बुवाई और कटाई सही समय पर की जानी चाहिए। इसकी बुवाई के लिए उपयुक्त समय 10 मार्च से 10 अप्रैल के मध्य है। मूंग की अच्छी पैदावार के लिए आवश्यक हैं कि कम समय में पकने वाली ओर अच्छी उपज देने वाले बीजों का उपयोग किया जाए।
खेत की तैयारी
ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए रबी मौसम की फसलों के कटने के तुरन्त बाद खेत की तुरन्त जुताई कर के 4-5 दिन खेत को खाली छोड देना चाहिए। उसके बाद पलेवा करना चाहिए। पलेवा के पश्चात 2-3 जुताइयाँ देशी हल या कल्टीवेटर की सहायता से पाटा लगाकर खेत को समतल कर लेना चाहिए एवं मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए। इससे खेत में नमी बनी रहती है और अंकुरन भी अच्छा होता हे।
बुवाई का समय
मूंग की ग्रीष्मकालीन बुवाई का उपयुक्त समय 10 मार्च से 10 अप्रैल के मध्य सर्वोतम रहता हे।
बुवाई का तरीका
ग्रीष्मकालीन मूंग के लिये कतार से कतार की दूरी 20-22 से.मी. होनी चाहिए। पौधे से पौधे की दूरी 10-15 से.मी. होनी चाहिए। एवं इसकी बुवाई 4 से.मी गहराई पर की जानी चाहिए।
बीज दर
ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई हेतु 25-30 कि.ग्रा प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है। अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए किसान #BharatAgrolink से भी बीज खरीद सकते हे।
फसल तैयार होने का समय
मूंग कम समय में तैयार हो जाने वाली फसल है। यह 65 से 70 दिनों में तैयार हो जाती हैं।
उत्पादन
इसके उत्पादन और पैदावार की बात करे तो इसका उत्पादन 8 से 10 क्विटल प्रति हेक्टेयर होता है।
किस्में
कृषि वैज्ञानिकों ने मूंग की अच्छी पैदावार और जल्दी पकने वाली कई प्रकार की प्रजातियां विकसित की हैं। आप अपने क्षेत्र की जलवायु के आधार पर किस्मों का चयन कर सकते हे।
MH 421
IPM 02-14
IPM 410-3
IPM 205-7
SML 1115
खाद और उर्वरक
मूंग के लिए 20 किलो ग्राम नाइट्रोजन तथा 40 किलो ग्राम फास्फोरस 20 किलो ग्राम पोटाश 25 किलो ग्राम गंधक ओर 5 किलो ग्राम जिंक प्रति हैक्टेयर की आवश्कता होती है। #BharatAgrolink कि सहायता से किसान उचित दाम पर खाद,उर्वरक एवम कीटनाशक खरीद सकते हैं। कम लागत एवं अधिक मुनाफे के लिए आवश्यक हैं कि फसल तैयार करने में लागत को कम किया जाए। #BharatAgrolink किसानों को उचित दाम पर दवाइयां,बीज आदि उपलब्ध करवाता है।