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फसल कटाई के बाद पराली का सही प्रबंधन कैसे करें? जानिए आसान तरीके! 🌾🔥

भारत में किसानों को पराली प्रबंधन में काफी समस्या आती है। जिससे निपटना किसानों के लिए काफी खर्चीला भी साबित होता है। पराली प्रबंधन में कृषि यंत्रों का काफी महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। किसान के द्वारा खेत से फसल काटने के पश्चात बचे हुए कृषि अवशेषों को पराली कहां जाता है। किसान के द्वारा इन कृषि अवशेषों को जला दिया जाता हैं। जिससे भूमि में उपस्थित आवश्यक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की सेहत और दीर्घकालिक कृषि उत्पादकता भी कम होती है।पराली जलाने से किसान अपने खेत की मृदा तो खराब करता ही है साथ ही साथ यह पर्यावरण के लिहाज से भी काफी नुकसान दायक है। इसीलिए किसान को इन नए कृषि यंत्रों का उपयोग करके पराली का उचित प्रबंधन करना चाहिए। इससे किसान पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान दे सकते हैं। इन कृषि यंत्रों को खरीदने में सरकार सब्सिडी भी दे रही है। सरकार इन कृषि यंत्रों को खरीदने पर 50 से 80 फीसदी की सब्सिडी दे रही है।


व्यक्तिगत मशीन खरीदने पर 50 फीसदी और कस्टम हायरिंग सेंटर के जरिए खरीदने पर 80 फीसदी तक सब्सिडी दे रही है।

हैप्पी सीडर
हैप्पी सीडर पराली के उचित प्रबंधन में काफी मददगार हैं। हैप्पी सीडर मशीन का मुख्य काम हार्वेस्टर से कटाई के पश्चात खेत में फैले धान के पुआल को साफ करके आसानी से गेहूं की बुवाई करना है। हैप्पी सीडर की सहायता से पराली को खेतों से बिना निकाले गेहूं की सीधी बुवाई की जा सकती है।

मल्चर
मल्चर को ट्रैक्टर के पीटीओ से जोड़कर चलाया जाता है। यह यंत्र गन्ना,धान,गेहूं आदि की फसलों के अवशेषों को काटकर उन्हें नष्ट कर मिट्टी में मिलाने का काम करता है। इस प्रकार मल्चर की सहायता से फसल अवशेषों को जलाने की अपेक्षा मिट्टी में मिला दिया जाता हैं। इस उपकरण का खेत में उपयोग करने से सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे खेत की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती हैं।

रोटावेटर
रोटावेटर ट्रैक्टर के साथ में लगकर काम करने वाली मशीन हैं। इसका काम मुख्य रूप से बीज बुवाई के समय किया जाता हैं। इसकी सहायता से गेहूं, मक्का, गन्ना आदि के अवशेषों को हटाने तथा मिट्टी में मिश्रण करने के काम आता हैं। यह पहली फसल काटने के बाद दूसरी फसल के लिए शीघ्र खेत को तैयार करने का काम करता है।

सुपर सीडर
सुपर सीडर फसल अवशेषों को जलाने से रोकने का अच्छा उपकरण हैं । यह धान, गन्ना, कपास, केला आदि विभिन्न फसलों के कृषि अवशेषों को हटाने का काम करता है। इसका उपयोग गेहूं, सोयाबीन, और घास जैसी विभिन्न प्रकार की फसलों के बीजों को बोने के लिए भी बड़े पैमाने पर किया जाता हैं।

स्ट्रा बेलर
स्ट्रा बेलर एक कृषि यंत्र है जो खेत में फसल कटाई के पश्चात खेत में बची हुई पराली को इकट्ठा करके उसके गट्ठर बना देता है। खेत से पराली को शीघ्र निकालने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता हैं। इस मशीन को उपयोग करने से मजदूरों की तुलना में काफी कम खर्च आता हैं। यह कृषि यंत्र किसानों की आय को बढ़ाने का भी काम कर सकता हैं।

जैसे जैसे किसानों में जागरूकता आ रही है वह जान रहे हैं कि पराली को जलाकर हम अपने ही खेत की मिट्टी का नुकसान कर रहे हैं। इसलिए किसानों में पराली का सही प्रबंध करना चिंता का विषय बना रहता है। मौजूदा समय में पराली प्रबंधन करने के लिए कृषि यंत्रों की सहायता लेना किसानों को काफी पसंद आ रहा है। कृषि यंत्रों पर सरकार के द्वारा दी जा रही सब्सिडी भी किसानों की काफी मदद कर रही है।

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